Sunday, 10 December 2017

एग्जाम के बदसूरत दिन।

हमारा दिल कितना तड़पता है तुम्हारे बिना,
कैसे कटे ये एग्जाम के दिन मेसेज के बिना,
आप तो बस बे-जान बन कर पढ़ती रही, और 
हम तुम्हारी यादो के चिंगारो पर जलते रहे।



हमे तो लगा की आप पढ़ रही हो रात-दिन मोबाइल के बिना,
पर आप तो पढ़ती भी रही और मेसेज करती भी रही हमारे बिना..!!,
हमने सुना हे की आप मेसेज भी करती हो,
तो हमारा क्या दोष के आप हमको भूल गए हो...!! ।



इसे हम बेवफा समजे के वफ़ा जरा गौर कर दो,
अगर इसका जवाब बेवफा हे तो हमारा दोष कह दो,
वफ़ा हम कैसे समजे ! इसका भी उत्तर दे ही हो,
क्या कमी थी हमें में और उसमे जरा हमको भी कह दो।



हम तो मोत और जिंदगी से लड़ते रहे, 
पर अब लगता हे मोत ही जीतेगी इस जंग में,
'मेहुल' एक टुटा हुआ लड़का हे उसको संभालो,
बस बहोत हो गए मरम्मत अब तो  टूटने ही दो।



MD
28 Nov 2017



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